Friday, July 30, 2010

khayal....

.....क्यों दर्द से रोये बिलखे ...ज़ज्बात ही तो है......
......कुछ पूरे कुछ अधूरे ....लेकिन  ख्वाब  ही तो है.....
......वह मेरा था कभी.....अनजान है अब  मुझसे.....
...यह मोहोब्बत भी आखिर ....एक ख्याल ही तो है......