.....जब ढलता हुवा सूरज कायनात से घबराएगा.....
....रात के गहरे अंधेरो में वह चिरागों में नज़र आएगा ....
....जब हार के तकदीर से परवाना झुलस जायेगा ....
......आसमान नया रंग नए काफिले बनाएगा.....
.......होसला कर के इंसान जब तकदीर से टकराएगा .......
......... नया किस्सा..नया सवेरा...नया इतिहास बन जायेगा.....
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